पटियाला। पंजाब में धान की कटाई के साथ ही पराली जलाने के मामले बढ़ने लगे हैं। इससे वायु की गुणवत्ता भी गिरने लगी है, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ने लगा है। राज्य में सोमवार तक पराली जलाने के मामले 1027 हो गए हैं। इनमें 567 मामले केवल अमृतसर से हैं।
रूपनगर प्रदेश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा
बीते वर्ष नौ अक्टूबर को पराली जलाने के 714 और 2021 में इस दिन 614 मामले सामने आए थे। सोमवार को एक्यूआइ 164 के साथ रूपनगर प्रदेश का सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा। एक्यूआइ 155 के साथ बठिंडा दूसरे, 123 के साथ लुधियाना तीसरे स्थान पर रहा। मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआइ 110, जालंधर 108 और अमृतसर का 71 दर्ज किया गया।
अमृतसर में पराली जलाने के 567 मामले सामने आए
पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर से मिले आंकड़ों के अनुसार अमृतसर में पराली जलाने के 567, तरनतारन में 154, पटियाला में 79, कपूरथला में 61, मोहाली में 38, संगरूर में 28, फिरोजपुर में 23 , जालंधर में 16, फतेहगढ़ साहिब में 11, गुरदासपुर में 10, लुधियाना में नौ, फरीदकोट में आठ बरनाला में छह, मानसा में पांच, फाजिल्का में तीन, होशियारपुर, मालेरकोटला, मोगा और नवांशहर में दो-दो और रूपनगर में एक मामला सामने आया है।