नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह अक्सर अपने बयानों से अपनी ही पार्टी को मुश्किल में डालते रहते हैं और बीजेपी उनके बयान को लपकने में कोई देरी नहीं करती। कई बार ऐसा हो चुका है जब कांग्रेस के लिए अपने ही नेता का बयान न उगलते बनता है, न निगलते। मध्य प्रदेश के 10 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके दिग्गी राजा ने एक बार फिर कुछ ऐसा किया है, जो उनकी पार्टी को असहज कर सकता है। उन्होंने राहुल गांधी को मानहानि केस में हुई सजा और उसके बाद उनकी सांसदी जाने को लेकर जर्मनी के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता के बयान का स्वागत किया है। प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी मामले का उनके देश ने संज्ञान लिया है, उनकी नजर इस मामले पर है। दिग्विजय सिंह के ट्वीट के बाद बीजेपी यह कहकर हमलावर हो गई कि कांग्रेस विदेशी दखल चाहती है। कांग्रेस भी तुरंत डैमेज कंट्रोल मोड में उतर गई और जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि लोकतंत्र के लिए किसी भी खतरे से भारत खुद ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत निपटेगा।
जर्मनी के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा कि उनके देश की राहुल गांधी से जुड़े मामले पर नजर है। प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत के विपक्षी नेता राहुल गांधी के खिलाफ आए फैसले और उसके बाद उनकी संसद सदस्यता जाने पर हमारी नजर है। जहां तक हमें जानकारी है कि गांधी के पास फैसले के खिलाफ अपील का विकल्प है। अपील के बाद ही स्पष्ट होगा कि फैसला सही था या नहीं और उनकी संसद सदस्यता जाने का कोई आधार है या नहीं। उम्मीद है कि इस मामले में मानक न्यायिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का इस्तेमाल होगा।’ प्रवक्ता के इस बयान की वीडियो क्लिप को डाएचे वेले के चीफ इंटरनैशनल एडिटर रिचर्ड वॉकर ने बुधवार को ट्वीट किया। उसी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए दिग्विजय सिंह ने शुक्रिया कहा।
रिचर्ड वॉकर के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘राहुल गांधी के उत्पीड़न के जरिए भारत में किसी तरह लोकतंत्र के साथ समझौता किया जा रहा है, इसका संज्ञान लेने के लिए जर्मनी के विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर का धन्यवाद।’
पिछले महीने लंदन में दिए राहुल गांधी के एक बयान के बाद से ही बीजेपी कांग्रेस पर आरोप लगाती आई है कि वह विदेशी धरती पर देश को बदनाम कर रही है और विदेशी ताकतों से भारत में दखल की मांग कर रही है। यही वजह है कि दिग्विजय सिंह के ट्वीट को बीजेपी ने तुरंत लपक दिया और कहा कि ये इस बात का सबूत है कि कांग्रेस देश के मामलों में विदेशी दखल चाहती है।
हमलावर हुई बीजेपी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने ट्वीट किया, ‘साफ है कि कांग्रेस देश के मामलों में विदेशी दखल चाहती है। कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के साथ एमओयू साइन करो…विदेश में कार्यक्रम के दौरान सरकार बदलने के लिए उनसे मदद की गुहार करो। और जब मदद आ रही तो धन्यवाद कहो।’
कांग्रेस के पूर्व नेता और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर ऐडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर असहमति जताई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हमें विदेश से किसी तरह के मुहर की जरूरत नहीं है।
इसके बाद कांग्रेस भी डैमेज कंट्रोल में जुट गई। पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने दिग्विजय सिंह का नाम लिए बिना ट्वीट किया, ‘कांग्रेस का दृढ़ विश्वास है कि मोदी के हमारी संस्थाओं पर हमले, प्रतिशोध की राजनीति, धमकियों और उत्पीड़न से हमारे लोकतंत्र को जो खतरा पैदा हुआ है, उससे हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया खुद ही निपटेंगी।’
विवादित बयानों के ‘राजा’ दिग्विजय सिंह
वैसे दिग्विजय सिंह ने कोई पहली बार अपने बयानों या ट्वीट से बीजेपी को हमलावर होने का मौका नहीं दिया है। वह कई बार ऐसे विवादित बयान दे चुके हैं जिसे बीजेपी भुनाने में कामयाब हो गई और कांग्रेस को खामियाजा भुगतना पड़ा। जून 2021 में दिग्विजय सिंह ने कहा था, ‘कश्मीर में जबसे उन्होंने आर्टिकल 370 हटाया है, वहां लोकतंत्र नहीं है, वहां इंसानियत नहीं है।’