यूपी के हापुड़ स्थित बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के गांव बिहूनी में शार्ट सर्किट होने के कारण लगी आग से छह वर्षीय और छह माह की दो बहनों की मौत हो गई। हादसे के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। घटना के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
गांव निवासी प्रवीन कुमार ऊर्फ मंजय ईट भट्ठे पर काम कर परिजनों का पालन पोषण करता है। उसके परिवार में पत्नी मनीषा के अलावा छह वर्ष की बेटी दीपांशी और छह माह की बेटी मिष्टी के अलावा साढ़े चार वर्ष का पुत्र प्रमोद है। बताया गया है कि गुरुवार की देर शाम को प्रवीन पत्नी के साथ घर पर बिजली की मशीन पर चारा काट रहा था। उसकी दोनों बेटियां घर के कमरे में सो रही थीं। इसी दौरान कमरे में अचानक बिजली का शार्ट सर्किट हो गया। जिससे कमरे में रखे सामान ने आग पकड़ ली। आग लगने पर दंपती ने शोर मचाया। शोर सुनकर आस पास के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और उन्होंने आग पर जैसे तैसे कर काबू पाया।
इसके बाद दोनों जैसे ही कमरे में पहुंचे तो देखा कि आग की चपेट में आने से प्रवीन की दोनों बेटियां बुरी तरह से झुलस गईं। जिन्हें स्थानीय चिकित्सक के यहां ले जाया गया। जहां चिकित्सक ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी निरीक्षक सुरेश चंद मौके पर पहुंच गए। बच्चियों की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है।
लाड़ो उठ जाओ भाई खिलाने के लिए आया है
शार्ट सर्किट होने के दौरान हुई आगजनी के चलते दो बहनों की मौत होने के बाद गांव के अधिकांश लोग मौके पर पहुंच गए। यहां पर दोनों बहनों के शव को देखकर उनकी मां मनीषा फूट-फूट कर रोने लगी। इस दौरान मनीषा ने दोनों के शवों को गले लगाकर बोला कि एक बार लाड़ो आंख खोल लो तुम्हारा भाई तुम्हे खिलाने के लिए आया है।
साहब मेरे घर की तो लक्ष्मी ही चली गई
आगजनी की घटना में दोनों बेटियों की मौत होने के बाद प्रवीन अपनी सुधबुध ही खो बैठा। जो आंखों में आंसुओं को नहीं रोक पा रहा था। जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची, तो वह पुलिस को देखकर फूट-फूट कर रोने लगा। मेरे घर की दोनों ही लक्ष्मी आज चली गईं, मैं कैसे इनके बिना रह पाऊंगा, थाना प्रभारी ने उसे सांत्वना देकर किसी तरह संभाला।
आस पास के घरों के नहीं जल सके चूल्हे
गुरुवार की शाम को शार्ट सर्किट होने से दो बहनों की मौत की जानकारी जैसे ही आस पास में रहने वाले लोगों को लगी तो वह भी मौके पर पहुंच गए। दोनों बच्चियों को मौत के बाद गांव में मातम पसर गया। जिसके बाद आस पास के घरों के चूल्हों में आंच भी नहीं जली। आस पास के लोग भी शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने के लिए पहुंच गए।
बेटा था बाहर वरना तीनों बच्चों होते शिकार
शार्ट सर्किट होने से दो बहनों की मौत के बाद घर में हाहाकार मचा हुआ है। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों का कहना है कि ईश्वर का शुक्र रहा, जो मजूदर का बेटा किसी कारण से बाहर था, अन्यथा आगजनी की चपेट में आने से मजदूर के तीनों बच्चों की भी मौत हो सकती थी।
जिसने देखा नहीं रोक पाया आंसू
दो मासूम बहनों की मौत के बाद मानों गांव के सभी लोग पीडि़त के घर पहुंच गए। यहां पर दोनों बहनों के शवों को देखकर जहां परिजन बिलख बिलख कर रो रहे थे, वहीं उन्हें देखकर हर किसी की आंख में आंसू थे। चाह कर भी वह अपने आंखों के आंसू नहीं रोक पा रहे थे।
दमकल विभाग को नहीं मिली सूचना
इस तरह की घटना होने पर कम से कम नुकसान न हो, इसके लिए जगह-जगह दमकल विभाग को सूचना देने के लिए नंबर लिखे गए हो, लेकिन इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी आगजनी की इस घटना को दमकल विभाग को नहीं बताया गया है। दमकल विभाग के इंचार्ज बिजेंद्र सिंह ने बताया कि कंट्रोल को इस संबंध में कोई सूचना प्राप्त नहीं हो पाई है। यदि सूचना मिलती तो तय समय में सुविधा दी जाती।
ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग
घटना के बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने थाना प्रभारी निरीक्षक सुरेश चंद से पीड़ित परिजनों को सरकार की ओर से मुआवजा दिलाने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि मृतक बहनों का पिता काफी गरीब है, इसलिए उसे सरकार की ओर से मुआवजा दिलाया जाए। मौके पर पहुंची एसडीएम साक्षी शर्मा ने भी परिजनों को सांत्वना देते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
क्या कहती है एसडीएम
एसडीएम साक्षी शर्मा ने बताया कि घटना स्थल का निरीक्षण किया गया है। लेखपाल को रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है। पीडि़त परिजनों को संबंधित घटना को लेकर सरकार की ओर से मुआवजा दिलाया जाएगा।