सालाना 2 करोड़ रुपए और 5 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटीआर 9 (GSTR 9) और जीएसटीआर 9सी (GSTR 9C) फॉर्म भरने के लिए कुछ ही दिन शेष बचे हैं. आयकर विभाग के अनुसार जीएसटी करदाताओं को 31 दिसंबर 2022 से पहले यह दोनों फॉर्म भरने होंगे. ऐसा नहीं करने पर प्रतिदिन के हिसाब से 200 रुपये फाइन के साथ ही मोटा जुर्माना लग सकता है.
क्या है जीएसटीआर 9 और जीएसटीआर 9सी फॉर्म
जीएसटीआर 9 (GSTR 9) एक ऑडिट फॉर्म है, जिसे 2 करोड़ रुपये से ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारियों को भरना होता है. इसी तरह 5 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले व्यवसायियों के लिए जीएसटीआर 9सी (GSTR 9C) फॉर्म भरना होता है. इसमें बिजनेसमैन का सालाना ऑडिट ग्रॉस और टैक्सेबल टर्नओवर होता है. GSTR 9C को 2 भागों A और B में बांटा गया है. भाग A में कर के बारे में सारी जानकारी होती है और भाग B में सत्यापन किया जाता है, जो पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट करते थे पर अब कारोबारी इसे खुद कर सकते हैं.
सरकार के निर्देश के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में 2 करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने वाले करदाताओं के लिए जीएसटीआर 9 फॉर्म भरना जरूरी है. इसके लिए अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2022 है. सरकार ने ऐसे लोगों से डेडलाइन से पहले यह फॉर्म जमा करने का आग्रह किया है. हालांकि, यह फॉर्म भरने से इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर, टीडीएस डिडक्टर, टीसीएस कलेक्टर, कैजुअल टैक्सेबल पर्सन और ओवरसीज टैक्सेबल पर्सन को छूट दी गई है.
खुद से प्रमाणित कर सकते हैं करदाता
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स ने 2021-22 के लिए 5 करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाले जीएसटी करदाताओं को निर्देश दिया है कि उन्हें जीएसटीआर 9 (GSTR 9) में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने के साथ-साथ जीएसटीआर 9सी (GSTR 9C) में सेल्फ अटेस्टेड रिकॉन्सिलेशन स्टेटमेंट भी दाखिल करना जरूरी है. बता दें कि सरकार ने दिसंबर की शुरुआत में जीएसटीआर 9सी (GSTR 9C) फॉर्म को लेकर कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए इसे चार्टर्ड अकाउंटेंट से प्रमाणित करवाने की बजाय खुद से प्रमाणित करने की छूट दी थी.
यदि करदाता इन फॉर्म को फाइल नहीं करता है तो देरी के प्रत्येक दिन के लिए 200 रुपये का शुल्क लगाने का प्रावधान है. इसमें सेंट्रल जीएसटी के तहत 100 रुपये और स्टेट जीएसटी के तहत 100 रुपये फाइन लगता है. GSTR 9C देर से दाखिल करने के लिए कोई विशिष्ट जुर्माना नहीं है. लेकिन, यदि करदाता समय पर जीएसटीआर 9 फाइल कर देता है और जीएसटीआर 9सी फाइल करने में देरी करता है तो उस पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. करदाता दोनों फॉर्म जीएसटी पोर्टल पर जाकर भर सकते हैं.