सोनभद्र. आनंद कुमार
चीन में इन दिनों ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस(HMPV) का प्रकोप देखने को मिल रहा है. वायरस से बड़ी संख्या में लोगों की जान जाने की खबरें आ रही हैं. हालिया रिपोर्ट को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय भी सतर्क हो गया है. भारत स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) से समय-समय पर अपडेट साझा करने का अनुरोध किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है की ऐतिहात तौर पर इस वायरस के मामलों की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाई जाएगी. इसके अलावा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद पूरे साल इस वायरस के रुझानों की निगरानी करेगी. स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की शनिवार को नई दिल्ली में एक संयुक्त निगरानी समूह की बैठक हुई, जिसमें डब्लूएचओ, आपदा प्रबंधन सेल, एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, आपातकालीन चिकित्सा राहत प्रभाग और एम्स दिल्ली सहित अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भाग लिया. मंत्रालय ने कहा चर्चा के बाद यह सहमति बनी कि चीन में स्थिति असामान्य नहीं है, खासकर फ़्लू के मौसम को देखते हुए. मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान छल का कारण ए नफ्लुएंजा वायरस,आरएसवी और एचएमपीबी है,जो इस मौसम में सामान्य रूप से पाए जाते हैं. सरकार सभी उपलब्ध माध्यमों से स्थिति पर नजर रख रही है और डब्लूएचओ से समय-समय पर जानकारी मांगी गई है. मंत्रालय ने कहा कि यह वायरस भारत सहित दुनिया भर में पहले से ही प्रचलन में है, अस्पतालों के चिकित्सकों ने भी पुष्टि की है कि अपेक्षित मौसमी बदलाव के अलावा पिछले कुछ हफ्तों में स्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में कोई उछाल नहीं आया है. मंत्रालय ने कहा कि आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के नेटवर्क के जरिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के लिए मजबूत निगरानी प्रणाली मौजूद है, और दोनों के डेटा से कोई असामान्य उछाल नहीं दिखता है. मंत्रालय ने कहा है कि हाल के तैयारी अभ्यास के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि भारत स्वसन संबंधी बीमारियों मैं किसी भी वृद्धि का सामना करने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. स्वास्थ्य प्रणाली और निगरानी नेटवर्क सतर्क है, ताकि देश किसी भी स्वास्थ्य चुनौतियों का तुरंत सामना कर सके.