


थाईलैंड में गूँजा भारत का आध्यात्मिक स्वर: संत डॉ. सौरभ पांडेय पर आधारित नौ पुस्तकों का ऐतिहासिक विमोचन
गोरखपुर। भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना ने 26 मई को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक ऐतिहासिक क्षण में वैश्विक मंच पर अपनी गूंज बिखेरी, जब संत डॉ. सौरभ पांडेय जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित नौ पुस्तकों का एक साथ भव्य लोकार्पण किया गया। यह कार्यक्रम केवल एक साहित्यिक आयोजन नहीं था, बल्कि “सर्वधर्म समभाव”, “मानवता”, और “वसुधैव कुटुम्बकम्” जैसे सनातन मूल्यों की वैश्विक उद्घोषणा बन गया।
इस ऐतिहासिक अवसर पर विश्व भर से अनेक प्रतिष्ठित अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें प्रमुख हैं: हिज रॉयल मैजेस्टी किंग जनरल ग्रैंड मास्टर प्रो. डाटो’ सेरी डॉ. सुम्फंद रथापट्टया,डॉ. मोंरुदी सोमार्ट, डॉ. परमिंदर सिंह,
फ्रा विधेस्वाचिरामती
,हीरह हे महाराजा पंगेरान ड्यूक प्रिंस राडेन मास नगाबी जनरल दातुक डॉ. मुहम्मद जेसुनवाह चू बिन अब्दुल्ला रानोए अत्मोजो,
पवन मिश्रा ,डॉ. प्रेम प्रकाश, शंतनु पाल,कीर्तन त्रिपाठी
इस विमोचन समारोह में जिन लेखकों की लेखनी ने संत डॉ. सौरभ पांडेय जी के जीवन, चिन्तन और सेवा यात्रा को शब्दों में संजोया, वे हैं – प्रिंस डॉ. इवान गैसीना, डॉ. अभिषेक, डॉ. विदिशा पंवार, डॉ. सत्यवीर सिंह ‘निराला’, डॉ. राजीव भारद्वाज एवं सुनीता सिंह सरोवर।
इस आयोजन को यूनिक रिकॉर्ड्स ऑफ यूनिवर्स और एशिया बुक ऑफ द वर्ल्ड रिकॉर्ड्स जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पंजीकृत किया गया है, जो इसकी ऐतिहासिकता और वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है।
मुख्य आयोजक संस्थाएँ थीं – धरा धाम इंटरनेशनल, देवनागरी उत्थान फाउंडेशन, यूनाइटेड गिल्ड लंदन, तथा एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स श्रीलंका।
डॉ. सुनील दुबे, मिसेज एशिया यूनिवर्स पूजा निगम, डॉ. अभिषेक कुमार, और डॉ. प्रेम प्रकाश ने इस आयोजन को भारत की सनातन चेतना और विश्वबंधुत्व का उत्सव बताया।



