कठौंदा वालों (एनीमल को रखने की जगह) को डॉग को छूने नहीं दूंगी, मैं हाथ काट लूंगी अगर मेरे डाॅग को कोई छुएगा तो। शिकायत पर ननि की अफसर आई थीं और बोलीं थी की तीन दिन के अंदर इन्हें अलग करो…तो मैंने कहा-नहीं हो पाएंगे। इसके बाद मैंने सांसद मेनका गांधी को फोन किया। इसके बाद ई-मेल पर पूरे मामले की शिकायत की। इसके बाद उन्होंने जो भी बात की हो आई डोंट नो। मेरी यही डिमांड है कि इनके लिए शेल्टर होम बना दिया जाए, क्योंकि और लोग भी एनिमल लवर्स हैं जो सब परेशानी से जूझ रहे हैं। जिन्होंने भी डॉग से प्यार किया है वह परेशान ही हैं। शेल्टर होम मिल जाएगा तो यह भी फ्री होकर खेल सकेंगे। यह दर्द है 40 डॉग को पालने वाली धनवंतरी नगर में रहने वाली लवर्स डॉग अनीता शर्मा का।
जबलपुर के धनवंतरी नगर में रहने वाली महिला के घर में पले 40 से ज्यादा स्ट्रीट डॉग को लेकर चल रहा विवाद दिल्ली में मेनका गांधी तक पहुंच गया है। मेनका गांधी ने भी महिला के खिलाफ कार्रवाई करने गए नगर निगम अधिकारी को साफ लफ्जो में फोन करके हिदायद दी की उसे परेशान ना किया जाए। जिसके बाद नगर निगम की टीम वापस लौट गई।
अनीता शर्मा स्ट्रीट डाॅग प्रेमी है, जो कि बीमार और घायल स्ट्रीट डॉग का इलाज कर उन्हें अपने घर पर रखकर देखरेख करती है। अनीता शहर भर में घूम-घूमकर आवारा पशुओं का इलाज पिछले कई सालों से करती आ रही है। घर पर आज अलग-अलग क्षेत्रों से लाए गए 40 से ज्यादा स्ट्रीट डॉग इकट्ठा हो गए है जो कि अब पड़ोसियों के लिए परेशानी का सबब बन गए है।
रहवासी बोले-डॉग्स से सभी परेशानी
स्थानीय निवासी जेडी कबीरपंथी ने बताया कि रहवासी क्षेत्र में एक घर में 40 से ज्यादा स्ट्रीट डॉग होने से ना सिर्फ बुजुर्ग बल्कि बच्चे, महिलाएं तक परेशान है। गली में घूमते डॉग्स से परेशान होकर बच्चे स्कूल जाने से डरने लगे है। उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है तो वहीं बुजुर्गों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दिन-रात उनके भौंकने की आवाजों से उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है तो वहीं उनके काटने का खौफ भी बना रहता है। पिछले दिनों नगर निगम से लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से शिकायत की। नगर निगम का अमला जब कार्रवाई के लिए अनीता शर्मा के घर पहुंचा तो उन्होंने इसकी शिकायत सांसद मेनका गांधी से कर दी।
सांसद मेनका गांधी ने कहा-डॉग को रहवासी क्षेत्र से दूर रखें
पशु संरक्षण के क्षेत्र में कई सालों से सक्रिय सांसद मेनका गांधी ने अधिकारियों से कार्रवाई न करने की अपील की और अनीता शर्मा को भी कहा कि वे जल्द से जल्द आवारा डॉग को रहवासी क्षेत्र से दूर रखें। अनीता शर्मा ने बताया कि बीमार और घायल डॉग की देखरेख वह कई सालों से करती आ रही है। उनका यह मानवीयता का कदम अब कई परिवारों के लिए दुख का कारण बन गया है। स्ट्रीट डॉग लवर अनीता शर्मा चाहती है कि उनके इस काम में और भी लोग आगे आएं और इस तरह के कामों में उनकी मदद करें। फिलहाल मेनका गांधी के दखल के बाद नगर निगम और जिला प्रशासन के अमले ने पशु प्रेमी अनीता शर्मा को जल्द से जल्द घर में पल रहे स्ट्रीट डॉग्स को रहवासी क्षेत्र से अलग करने की समझाइश दी है।
डॉग पालने के यह हैं नियम
- अगर आप कोई डॉग पालना चाह रहे हैं तो सबसे पहले नगर निगम में जाकर उसका रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है।
- पालतू जानवर के रजिस्ट्रेशन के लिए फीस देनी पड़ती है।
- यह रजिस्ट्रेशन परमानेंट नहीं होता है तो एक निश्चित अवधि के बाद इसे रिन्यू करना पड़ता है।
- कुत्ते को रेबीज की वैक्सीन लगी होनी चाहिए।
- हाउसिंग सोसायटी निवासियों को पालतू जानवर रखने पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता है।
- पालतू जानवरों के लिए बिल्डिंग की लिफ्ट का इस्तेमाल करने से रोका नहीं जा सकता है। अदालत के एक फैसले के अनुसार कुत्ते/पालतू जानवर परिवार हैं और इसलिए उनके लिए भी लिफ्ट का उपयोग किया जा सकता है।
- पालतू जानवरों को सोसायटी के पार्क और गार्डन में जाने पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता।