इस्लामाबाद: पाकिस्तान इस समय आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में अब शहबाज सरकार ने जनता की ‘बलि’ चढ़ाने का फैसला कर लिया है। पाकिस्तान जल्द से जल्द IMF के साथ डील करना चाहता है। अगर यह डील होती है तो तय है कि पाकिस्तान में महंगाई बढ़ेगी। विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से जूझ रहा पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को बचाए रखने और डिफॉल्ट से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और अन्य देशों से कर्ज को लेकर बातचीत कर रहा है। IMF कर्ज के साथ सख्त शर्तें लगाता है, जो पाकिस्तानी जनता के लिए मुश्किलें पैदा करेगा।
क्या हो सकता है मिनी बजट में
आरिफ हबीब लिमिटेड की ओर से कहा गया है कि बैंकों की विदेशी मुद्रा आय पर टैक्स लगाया जा सकता है, जिससे 20 अरब रुपए जुटाए जाएंगे। तीन फीसदी का बाढ़ शुल्क से 50 अरब रुपए जुटाने का अनुमान है। चीनी वाले पेय पदार्थ पर अतिरिक्त टैक्स लगा कर 60 अरब रुपए इकट्ठा किए जाएंगे। सस्टेनेबल डेवलपमेंट पॉलिसी इंस्टीट्यूट के उप कार्यकारी निदेशक वकार अहमद ने कहा कि सरकार आने वाले मिनी बजट में नए टैक्स जोड़ सकती है। बाढ़ के प्रभाव से निपटने के लिए टैक्स बढ़ाया जा सकता है।