नई दिल्ली: कभी एशिया के सबसे बड़े रईस रहे चीन के जैक मा (Jack Ma) की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा (Alibaba) को छह कंपनियों में बांटने की योजना है। जैक मा ने 25 साल पहले इस कंपनी की स्थापना की थी। इसका कारोबार कई क्षेत्रों में फैला है। चीन की सरकार की आलोचना मा को बहुत महंगी पड़ी। नवंबर, 2020 में अलीबाबा की फाइनेंशियल कंपनी एंट ग्रुप (Ant Group) का 37 अरब डॉलर का आईपीओ अंतिम क्षणों में रोक दिया गया था। इसके बाद चीन की सरकार ने अलीबाबा पर भारी जुर्माना लगाया था। इन कारणों से अलीबाबा के शेयरों में भारी गिरावट आई। अक्टूबर 2020 में यह पीक पर था लेकिन दो साल बाद यानी अक्टूबर 2022 तक इसमें करीब 75 फीसदी की गिरावट आ चुकी थी।
अलीबाबा ने कहा कि उसे छह अलग-अलग कंपनियों में बांटा जाएगा। हर कंपनी का अपना चीफ एग्जीक्यूटिव और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर होगा। इनमें से पांच कंपनियों के पास बाहर से पूंजी जुटाने और अपना आईपीओ लाने का अधिकार होगा। इससे एक दिन पहले जैक मा कई महीने बाद सार्वजनिक तौर पर दिखाई दिए थे। जैक मा ने 2020 में चीन के बैंकों और फाइनेंशियल रेगुलेटर्स की आलोचना की थी। इसके बाद से वह सार्वजनिक तौर पर कम ही दिखाई देते हैं। चीन की सरकार ने संकेत दिया है कि इंटरनेट इंडस्ट्री पर रेगुलेटरी प्रेशर अब खत्म हो सकता है। मा ने 2013 में ही अलीबाबा का सीईओ पद छोड़ दिया था और 2019 में वह एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के पद से रिटायर हो गए थे।
क्या होगा फायदा
अलीबाबा भी अमेरिका की टेक कंपनियों की तर्ज पर चल रही है। उसका कहना है कि इस कवायद का मकसद इनवेस्टर्स के लिए ज्यादा वैल्यू अनलॉक करना है। अलीबाबा ग्रुप के चेयरमैन और सीईओ डेनियल झांग ने कर्मचारियों को भेजे एक ईमेल में कहा कि कंपनी को बांटने से हमारा बिजनस और बेहतर होगा। अलीबाबा को बांटकर बनाई जाने वाली कंपनियों में एक Cloud Intelligence Group, Taobao Tmall Commerce Group, Local Services Group, Cainiao Smart Logistics, Global Digital Commerce Group, और एक Digital Media and Entertainment Group शामिल है। इस खबर के कारण मंगलवार अलीबाबा के अमेरिका में लिस्टेड शेयरों में 10 फीसदी से ज्यादा तेजी आई।
अमेरिका मेंं मिला ज्ञान
1995 में वह अपने दोस्तों के साथ अमेरिका गए। वह उन्होंने देखा कि इंटरनेट पर चीन के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने चीन लौटकर अपनी इंटरनेट कंपनी शुरू की। इसे निवेशकों ने हाथोंहाथ लिया। उन्हें कंप्यूटर की कोई खास जानकारी नहीं थी लेकिन उन्होंने ऑनलाइन बिजनस शुरू किया। 1999 में जैक मा ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा (Alibaba) की स्थापना की। शुरू में तो चीन के लोगों ने उन्हें ठग समझा लेकिन धीरे-धीरे इंटरनेट के विस्तार से अलीबाबा का कारोबार भी बढ़ने लगा।
मुकेश अंबानी को पछाड़ा
सितंबर 2014 में अलीबाबा अमेरिका में 25 अरब डॉलर का आईपीओ लाई और दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों की जमात में शामिल हो गई। यह अमेरिका का इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ था। मार्च 2020 में वह मुकेश अंबानी को पछाड़कर एशिया के सबसे बड़े रईस बन गए थे। लेकिन उसी साल अक्टूबर में उनका एक बयान उनके लिए गले की हड्डी बन गया। जैक मा ने चीन के बैंकों पर साहूकारों जैसी मानसिकता रखने का आरोप लगाया था। इसके बाद से ही उनकी कंपनियों एंट और अलीबाबा के बुरे दिन आ गए।