20 दिन पहले सागर जिले के देवरी में दो मंजिला मकान में भीषण आग लगी। इससे घर के अंदर सो रहे बुजुर्ग दंपती की मौत हो गई। दंपती के जेलर बेटे ने इसे हादसा मानने से इनकार करते हुए हत्या बताया है। उनका कहना है कि मेरे माता-पिता को साजिश के तहत जिंदा जला दिया गया। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। लेकिन जिस स्थान से आग भड़की वहां करीब 3 महीने से मीटर बंद है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच एसआईटी और सीबीआई से कराए, ताकि मुझे न्याय मिल सके।
दरअसल, देवरी के बजरिया में दो मंजिला मकान में 28 मार्च को भीषण आग लगी थी। उस समय मकान की पहली मंजिल पर मौजूद बुजुर्ग रामेश्वर नेमा (72) और उनकी पत्नी जानकी नेमा (70) की आग की चपेट में आने से मौत हो गई थी। देवरी थाना पुलिस ने केस दर्ज कर मामला जांच में लिया है।
दंपती का बेटा नवीन नेमा मंदसौर की गरोठ जेल में पदस्थ है। उन्होंने घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि उस रात करीब 9.30 बजे तक सब सामान्य था। अचानक देर रात आग लग गई। जहां से आग लगने की शुरुआत हुई वहां तो मीटर बंद था। ऐसे में वहां से शॉर्ट सर्किट होना संभव नहीं है। माता-पिता जिस कमरे में सो रहे थे वहां रखा फर्नीचर नहीं जला, लेकिन प्लास्टिक के पाइप जल गए। परिस्थितियां देख संदेह है कि किसी ने साजिश के तहत हत्या की है। पुलिस को इस मामले में निष्पक्ष जांच करना चाहिए। मामले में किसी निर्दोष को न फंसाया जाए जो दोषी हो उसी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
कोर्ट में लगाया था किरायानामे का केस
जेलर नवीन नेमा ने बताया कि माता-पिता सालों से देवरी में अकेले रह रहे थे। मकान के नीचे बनी दुकानें किराए पर दी हुई हैं। एक दुकान सौरभ गुप्ता को 5 साल के लिए किराए से दी थी। जहां उन्होंने कपड़े की दुकान खोली, नवंबर 2022 में उनका किरायानामा खत्म हो गया। उन्होंने सालभर से किराया भी नहीं दिया था और न ही वे दुकान खाली कर रहे थे। जिसके बाद पिता ने किरायानामा और दुकान खाली कराने को लेकर कोर्ट में केस फाइल किया था। इसी बात को लेकर उनसे पिता की अनबन चल रही थी। किराएदार ने पिता को धमकी भी दी थी।
जिस दुकान पर विवाद था वहीं से लगी आग
उन्होंने कहा कि जिस दुकान को लेकर विवाद चल रहा था, आग भी उसी दुकान से लगी। लेकिन खास बात ये है कि उसमें लगा बिजली मीटर भी करीब 3 महीने से बंद था। इस घटना में दुकान का सामान जल गया और आग पहली मंजिल पर पहुंच गई। लेकिन बाजू की दुकान को ज्यादा कुछ नुकसान नहीं हुआ। सवाल यह है कि जहां से आग लगी वहां बिजली मीटर कटा था और दुकान बंद थी। फिर आग कैसे लगी। ऐसे ही सवाल हादसे को संदेहास्पद बना रहे हैं।
हादसे पर उठाए पांच सवाल
- बिजली मीटर बंद था तो दुकान में शॉर्ट सर्किट कैसे हुआ?
- माता-पिता की मौत हो गई, लेकिन फर्नीचर नहीं जला?
- यदि शॉर्ट सर्किट से आग लगी तो पुलिस स्पष्ट ओपिनियन क्यों नहीं बता रही?
- जिस दुकान को लेकर विवाद चल रहा था, वो दुकान बंद थी। फिर आग वहीं से कैसे लगी?
- किरायानामा को लेकर कोर्ट में केस चल रहा था, बुजुर्ग दंपती को पहले धमकी भी मिली थी?
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जान बचाने बुजुर्ग दंपती के संघर्ष के निशान आज भी मौजूद
आग लगने की घटना के दौरान बुजुर्ग दंपती पहली मंजिल पर सो रहे थे। देर रात आग लगने पर उन्होंने खुद की जान बचाने के लिए काफी संघर्ष किया। उनके संघर्ष के निशान मकान में मौजूद हैं। मृतक जानकी नेमा की उम्र 70 साल थी। बीमारी होने के कारण वे आसानी से चल-फिर नहीं पाती थीं। ज्यादातर समय वे पलंग पर ही रहती थीं। लेकिन आग लगने के बाद उनका शव दूसरी मंजिल की सीढ़ियों पर मिला था। दो सीढ़ियां और चढ़ने के बाद उनके पति रामेश्वर नेमा 72 साल का शव मिला था। 20 दिन बाद भी इस मकान में सीढ़ियों में जानकी नेमा की टूटी हुई चूड़ियां पड़ी हैं जो बुजुर्ग दंपती के आग से बचने के लिए किए गए संघर्ष को बयां कर रही हैं। पति-पत्नी एकसाथ आग से बचने के लिए जद्दोजहद करते रहे, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी।आगजनी को लेकर हर पहलू की जांच कर रही पुलिस
आग लगने की घटना के हर पहलू को लेकर पुलिस जांच जारी है। बिजली कंपनी के जिम्मेदारों ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की। लेकिन आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। अब पुलिस टेक्निकल टीम से मामले की जांच करा रही है। साथ ही आग में जली दुकान के बीमा संबंधी पॉइंट पर भी जांच की जा रही है। इसके अलावा पुलिस ने मृतक दंपती के बेटे द्वारा उठाए गए सवालों को भी जांच में शामिल किया है। -
टीम गठित कर मामले की जांच कराई जा रही
सागर एसपी अभिषेक तिवारी ने कहा कि ये गंभीर मामला है। जांच टीम का गठन किया गया है। साथ ही वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर जाकर मामले की जांच कर रहे हैं। फायर एक्सपर्ट समेत वैज्ञानिक दृष्टि से अन्य जांच कराई जा रही है। मामले के हर पहलू पर गंभीरता से जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।