प्रमुख सचिव आयुष श्री प्रतीक हजेला ने कहा है कि वैश्विक बाजार में औषधीय उत्पादों की माँग लगातार बढ़ती जा रही है। इसको देखते हुए प्रदेश में औषधीय पौधों की पैदावार बढ़ाने के लिए संयुक्त प्रयास किये जाने होंगे। उन्होंने औषधीय पौधों के उचित विपणन की व्यवस्था पर भी जोर दिया। प्रमुख सचिव आयुष सोमवार को भोपाल के पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद संस्थान के ऑडिटोरियम में एक दिवसीय दक्षता निर्माण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में आयुष, कृषि, उद्यानिकी, स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ किसान शामिल हुए।
प्रमुख सचिव आयुष ने कहा कि कोरोना काल में आयुर्वेद के साथ आयुष की विभिन्न पद्धतियों के महत्व को जन-सामान्य ने समझा है। उन्होंने ‘आयुष क्योर एप’ की बढ़ती लोकप्रियता के बारे में जानकारी दी। प्रमुख सचिव ने बताया कि देवारण्य योजना में किसानों को औषधीय पौधों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी भी गठित की गई है। उन्होंने बताया कि औषधीय पौधों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किसानों को प्रशिक्षण दिये जाने की आवश्यकता है। प्रमुख सचिव ने बताया कि 52 औषधीय पौधों की खेती को मनरेगा में शामिल किया गया है।
आयुक्त आयुष श्रीमती सोनाली पोंक्षे वायंगणकर ने कहा कि देवारण्य योजना का क्रियान्वयन राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियाँ मिल कर कर रही हैं। इसकी सफलता के लिए एजेंसियों के बीच समन्वय होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में समृद्ध वन संपदा है। यहाँ अति उपयोगी जड़ी-बूटी मिलने की ज्यादा संभावनाएँ हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में राज्य औषधीय पादप बोर्ड मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने कार्यशाला के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में उद्यानिकी, किसान-कल्याण, मुख्यमंत्री कार्यालय के उप सचिव श्री लक्ष्मण सिंह मरकाम, मध्यप्रदेश कृषि विपणन बोर्ड एवं राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के मार्केटिंग प्रबंधक श्री सौरभ शर्मा ने भी कार्यशाला में देवारण्य योजना के बारे में जानकारी दी।