रायपुर। छत्तीसगढ़ के चुनावी महासमर में तीन देवों की आजकल खूब चर्चा है। भाजपा के लिए ये असरदार चुनावी हथियार हैं और कांग्रेस के लिए सियासी मुश्किल। महादेव बेटिंग एप में हुई गड़बड़ी पर पार्टी कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने और सीधे-सीधे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को निशाना बनाने की अपनी रणनीति से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं।
PM मोदी ने बोला तीखा हमला
पार्टी के प्रवक्ता से लेकर प्रचार प्रमुख और प्रधानमंत्री तक इसे अपनी सभी रैलियों और संबोधनों में उठाते हैं। महादेव एप मामले पर राज्य सरकार पर सबसे तीखा हमला खुद पीएम ने बोला है। उन्होंने अपनी पहली रैली में कहा कि कांग्रेस ने महादेव को भी नहीं छोड़ा। इसके बाद से भाजपा ने इस पूरे मामले पर एक तरह का डोसियर बना लिया है ताकि कांग्रेस सरकार को घपले-घोटाले में लिप्त बताया जा सके।
हसदेव में महीनों से चल रहा आंदोलन
हसदेव वह इलाका है, जो कोयला खनन के लिए जाना जाता है और यहां आदिवासियों तथा स्थानीय समाजों का राज्य सरकार के खिलाफ महीनों से चल रहा आंदोलन चर्चा में है। यह वह मामला है, जो कांग्रेस नेतृत्व को भी एक क्षण के लिए असहज करता है, क्योंकि यहां सवालों के घेरे में वे कॉरपोरेट समूह हैं, जो पार्टी आलाकमान के निशाने पर रहते हैं। इनमें अदाणी समूह भी है।
हसदेव में कोयला खनन के कारण पर्यावरण के मुद्दों और उनको लेकर लोगों में नाराजगी पूरे सरगुजा संभाग पर असर डाल सकती है। 14 सीटों वाला यह इलाका डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का है। हसदेव खनन के मसले और पेड़ों की कटाई पर सीएम बघेल और सिंहदेव कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। राहुल गांधी से ब्रिटेन में इसको लेकर सवाल पूछा गया था तो उनका जवाब था कि वह इसे देखेंगे। हालांकि, स्थिति जस की तस है।
कांग्रेस पर दोहरा आचरण अपनाने का आरोप
पर्यावरणविद और स्थानीय ग्रामीण यहां की पारिस्थितिकी और नुकसान को लेकर आंदोलन पर डटे हुए हैं। यहां राजस्थान सरकार के भी कोल ब्लॉक हैं और वहां भी कांग्रेस सरकार है। भाजपा नेता इस मामले पर बघेल सरकार को घेरते रहे हैं और उस पर कॉरपोरेट समूहों को लेकर दोहरा आचरण करने का आरोप लगाते रहे हैं।
सिंहदेव अपने क्षेत्र में जनता की समस्याओं के साथ-साथ इसलिए भी आजकल चुनावी परिदृश्य में चर्चा में हैं, क्योंकि भाजपा पिछली बार बड़ी जीत के बाद ढाई-ढाई साल तक सीएम पद की हिस्सेदारी को लेकर हुए बघेल और उनके समझौते का मुद्दा उठा रही है। पीएम ने अपनी रैलियों में कहा कि जिस व्यक्ति (बघेल) ने अपने वरिष्ठ सहयोगी के साथ धोखा किया, वह आम जनता के साथ वादे क्या पूरे करेगा।
छत्तीसगढ़ में चर्चा का विषय बने महादेव, हसदेव और सिंहदेव के बारे में पूछे जाने पर राजनीतिक विश्लेषक डा. अनिल द्विवेदी का कहना है कि भाजपा ने महादेव एप मामले को बड़े घोटाले के रूप में स्थापित कर दिया है। राज्य की जनता यह सोच रही है कि इतना बड़ा घोटाला राजनीतिक संरक्षण के बिना नहीं होगा। हसदेव का मसला तब तक राज्य की सरकार के लिए फांस की तरह रहेगा जब तक इसका कोई स्थायी और पारदर्शी समाधान नहीं किया जाता। केवल कॉरपोरेट समूहों को गाली देने से बात नहीं बनेगी। सिंहदेव इस इलाके में असरदार हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है।
…तो भाजपा इस बात का उठाना चाहती है फायदा
बकौल विश्लेषक, वैसे भी बघेल और सिंहदेव के बीच तनातनी किसी से छिपी नहीं। भाजपा इसी का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। अगर कांग्रेस को अपेक्षित सफलता नहीं मिली तो क्या सिंहदेव फैक्टर हावी होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी नौबत शायद ही आए, क्योंकि बघेल ने अपने आपको लीडर के तौर पर स्थापित कर लिया है और उनकी पकड़ भी किसी अन्य के मुकाबले कहीं अधिक है। समीकरण ऐसे हैं कि वह सिंहदेव के अलावा किसी भी अन्य नाम पर सहमत हो सकते हैं।