आर्थिक रूप से कमजाेर लाेग मैरिज हाॅल का खर्च नहीं उठा पाते। बरसात के माैसम में हाेने वाली शादियाें में सबसे ज्यादा परेशानी आती है। गरीब परिवाराें की इसी समस्या से रूबरू हुए इंजीनियर फूलचंद चाैरसिया ने दिवंगत पत्नी कुसुम चाैरसिया की स्मृति में मां महलवार देवी मंदिर परिसर में 2 मंजिला मैरिज हाॅल बनवाया है। गुरुवार काे इसका विधिवत लाेकार्पण कर इसकी चाबी मंदिर कमेटी काे साैंप दी गई। अब मंदिर कमेटी इस मैरिज हाॅल का संचालन करेगी। खास बात यह है कि मैरिज हाॅल सर्वसुविधायुक्त है।
पानी, लाइट, प्रसाधन और साफ-सफाई की सुविधा रहेगी। जाे गरीब परिवार हैं, उनके लिए मेंटनेंस खर्च स्वैच्छिक रखा गया है, जबकि आर्थिक रूप से सक्षम लाेग 5 हजार रुपए की सहयाेग राशि देकर मैरिज हाॅल ले सकते हैं। इंजीनियर चाैरसिया बताते हैं कि मैं इसी मंदिर समिति के संरक्षक के पद पर हूं। मंदिर के आसपास चार-पांच वार्ड के लाेग रहते हैं।
इनमें ज्यादातर निम्न व मध्यमवर्गीय परिवार रहते हैं जाे कि शादी व अन्य कार्यक्रम के लिए मैरिज हाॅल का भारी भरकम खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं। मेरी पत्नी कुसुम चौरसिया का 16 मार्च 2019 को आकस्मिक निधन हो गया था। उनसे मुझे हमेशा असहाय लाेगाें की मदद की प्रेरणा मिलती रही है। मेरे मन में इसी परिसर में शादी घर का विचार आया। मैंने अपने दोनों पुत्र इंजीनियर संजीव चौरसिया एवं इंजीनियर राजीव चौरसिया से इस संबंध में बात की। सभी ने मेरा प्रस्ताव स्वीकार कर सर्वसुविधायुक्त हाॅल तैयार करा दिया। यह शादी घर भूतल एवं प्रथम तल मिलाकर करीब 2200 वर्गफीट में बना है। परिसर में खाली जगह भी है, जहां पर अन्य कार्यक्रम किए जा सकते हैं।