ब्यूरो बांदा
बांदा – आज दिनांक को रिटायर्ड कर्मचारी व पेंशनर्स एसोसिएशन का प्रधानमंत्री भारत व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को संबोधित ज्ञापन।
राशिकरण की धनराशि की वसूली 10 वर्ष पर बन्द करने व अधिक वसूली की गयी धनराशि को पेंशनर के खाते में वापस करने एवं पेंशनर
को अवधि के आधार पर पेंशन में बढ़ोत्तरी किये जाने की मांग की गई सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसियेशन, उत्तर प्रदेश द्वारा दिनांक 11 नवम्बर 2024 को आप महानुभावों को पत्र भेजा गया है,जिसमें पेंशनरों से सम्बन्धित प्रमुख रूप से उक्त दो ज्वलंत समस्याओं के निवारण का अनुरोध
किया गया है। उल्लेखनीय है कि इन दोनों बिन्दुओं पर पूर्व में भी संगठन द्वारा समय-समय पर आन्दोलनात्मक कार्यवाही के माध्यम से ध्यानाकर्षण का प्रयास किया जा चुका है। साथ ही उक्त स्तर पर वार्ता एवं पत्रों के माध्यम से भी अनुरोध किया गया कि इन समस्याओं का हल शीघ्र निकाला जाये,परन्तु अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका। आज की आमसभा के माध्यम से पुनः उक्त दोनों बिन्दुओं को निम्न रूप में ध्यानाकर्षण हेतु प्रस्तुत किया जा रहा है।
(1) राशिकरण की धनराशि की कटौती 10 वर्ष के पश्चात बन्द करने व अधिक वसूली की गयी धनराशि को पेंशनर के खाते में वापस जमा करना ।शासन के संज्ञान में है कि इस बिन्दु पर माननीय उच्च न्यायालय में अनेक याचिकायें दाखिल हो चुकी हैं और दिन प्रतिदिन नई याचिकायें भी दाखिल हो रही हैं। अनेक याचिकाओं में कटौती रोकने का भी आदेश हुआ है।
(2) जिसके क्रम में वित्त विभाग ने याचीगण की कटौती रोकी भी है। किन्तु सामान्य
शासनादेश जारी कर इस प्रकरण का पटाक्षेप उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। परिणाम स्वरूप अनेक पेंशनर उच्च न्यायालय में जा रहे हैं जिससे हजारों रूपये का व्ययभार बढ़ रहा है, मुकदमों की संख्या बढ़ रही हैं व बुजुर्ग पेंशनरों की आर्थिक एवं शारीरिक कठिनाई बढ़ रही है, जिसे शासन द्वारा आसानी से बचाया जा सकता।
1.शासनादेश के अनुसार पेंशन के 1.00 रूपये राशिकृत होने पर पेंशनर को 98.32 रूपया मिलता है और इसके सापेक्ष 180.00 रूपया पेंशनर से काटा जाता है।
इस प्रकार राशिकृत धनराशि की वसूली 08 वर्ष 03 माह में पूरी हो जाती है। तत्सम्बन्धी शासनादेशों एवं नियमों में ब्याज वसूलने का कोई प्राविधान नहीं है।
इस तरह यह सिद्ध है कि 10 वर्ष से अधिक कटौती करना पेंशनरों के साथ पूरी तरह अन्याय है। संगठन का अनुरोध है कि 10 वर्ष के पश्चात पेंशन के राशिकरण की कटौती बन्द की जाये तथा अधिक वसूली गयी धनराशि को पेंशनर के खाते में वापस जमा किया जाये ।
2. पेंशनर की 65, 70, 75 वर्ष आयु पर क्रमश: 5, 10, 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी किया- यह उल्लेख करना है कि वर्तमान में 80, 85, 90, 95, 100 वर्ष की आयु होने पर पेंशनरों की पेंशन में क्रमशः 20, 30, 40, 50, 100 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का प्राविधान है। विशेष रूप से देखने की यह बात है कि पेंशनरों की अधिकांश संख्या 65 से 80 वर्ष के मध्य है और उनकी पेंशन में बढ़ोत्तरी का कोई प्राविधान नहीं किया गया है। प्रकरण के आंकड़ो को खंगालने से भी स्पष्ट हुआ है कि 80 से अधिक आयु पर लाभान्वित होने वालों की संख्या अत्यन्त न्यून है। 65.70 एवं 75 वर्ष पर क्रमश: 5, 10 व 15 वर्ष पर पेंशन में बढ़ोत्तरी की मांग सर्वथा उचित है।
उपरोक्त मांगों पर लम्बे समय से निर्णय न होने के कारण पेंशनरों में अत्यधिक असंतोष एवं रोष है। आज की आमसभा में पेंशनरों ने इस बात को बड़ी गम्भीरता से उठाया है कि प्रधानमंत्री एवं माननीय मुख्यमंत्री प्रस्तुत ज्ञापन पर विशेष रूप से विचार करें और उपरोक्त दोनों बिन्दुओं पर सकारात्मक निर्णय कराने का कष्ट करें। बुजुर्गों को न्यायालय में जाने के लिये बाध्य न किया जाये। उन्हें अनावश्यक रूप से पहले से ही अपने स्वास्थ्य आदि पर भारी धनराशि व्यय करनी पड़ रही है।