इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के बीच इजरायली पीएम नेतन्याहू को विपक्ष का समर्थन मिला है। हमास के खिलाफ विपक्ष और मौजूदा सरकार ने बुधवार को एक आपातकालीन सरकार बनाई। इजरायल की नई युद्ध कैबिनेट ने हमास को धरती से मिटा देने की कसम खाई है। विपक्षी दल के नेता बेनी गैंट्ज की राष्ट्रीय एकता पार्टी द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में इस गठबंधन को लेकर एलान किया गया है और नेतन्याहू ने बाद में टेलीविजन पर प्रसारित टिप्पणियों में कहा कि उन्होंने अपने मतभेद भुला दिए हैं क्योंकि हमारे देश का भाग्य दांव पर है। आपातकालीन सरकार बनाने के इस फैसले के बाद एक युद्धकालीन कैबिनेट के गठन का रास्ता साफ हो गया है, जिसमें नेतन्याहू, गैंट्ज और रक्षा मंत्री योव गैलेंट और दो सेवारत शीर्ष अधिकारी बतौर पर्यवेक्षक सदस्य के रूप में शामिल हुए हैं। जारी किए गए बयान में कहा गया है कि जब तक हमास से जंग जारी रहेगी तब तक कोई भी गैर युद्ध संबंधी विधेयक न तो पारित होगा और ना ही इससे जुड़ा कोई फैसला लिया जाएगा।
वहीं, भारत सरकार ने इजराइल में फंसे 18 हजार भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन अजय की घोषणा की है। इसके लिए आज पहली फ्लाइट रवाना होगी। इस दौरान इंडियन नेवी भी मदद के लिए तैयार रहेगी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- भारत सरकार ऑपरेशन अजय के तहत भारतीयों को वापस लाएगी। जो भी वापस आना चाहे, आ सकता है। इजराइल में भारतीय राजदूत ने बताया कि पहली फ्लाइट से भेजे जाने वाले रजिस्टर्ड लोगों की जानकारी ईमेल कर दी गई है। अगली फ्लाइट के लिए अन्य रजिस्टर्ड लोगों की जानकारी भेजी जाएगी। तेल अवीव स्थित भारतीय दूतावास के मुताबिक, इजराइल में मौजूद सभी भारतीय फिलहाल सभी सुरक्षित हैं। इजराइल पहुंचे भारतीय पर्यटकों ने दूतावास से सुरक्षित निकाले जाने की अपील की है।