वाशिंगटन
पाकिस्तान के परमाणु हथियारों ने वैश्विक चिंताओं को जन्म दे दिया है। बता दें कि पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के कारण कभी भी आतंकवादी संगठन परमाणु हथियारों को अपने कब्जे में ले सकते है, जिससे पुरी दुनिया में खतरा बढ़ सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक डेमोक्रेटिक कांग्रेसनल कैंपेन कमेटी रिसेप्शन में पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक देश बताया था। उन्होंने पाकिस्तान के अलावा चीन और रूस की भी आलोचना की थी।
आतंकियों के हाथ परमाणु हथियारों के लगने का खतरा
ग्लोबल स्ट्रैट व्यू की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में उसके विभिन्न संगठनों और जिहादी समूहों के हाथों परमाणु हथियारों का लगने का खतरा बना हुआ है। विश्लेषकों का कहना है कि अफगानिस्तान में तालिबान की जीत से उत्साहित पाकिस्तान के जिहादी भी परमाणु हथियारों पर कब्जा करने की कोशिशें कर सकते हैं।
लंदन स्थित एक पाकिस्तानी पत्रकार फारूक सुलेहरिया ने कहा, “पाकिस्तानी सेना का तालिबानीकरण एक ऐसी चीज है जिसे हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। क्या होगा अगर तालिबान परमाणु संपत्ति का आंतरिक अधिग्रहण करता है?”
अमेरिका का चिंता करना हद तक सही
विशेषज्ञों और अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर अपनी कई बार चिंता व्यक्त की है। हार्वर्ड परमाणु विशेषज्ञ, ग्राहम एलिसन ने कहा था कि “जब आप सामूहिक विनाश और आतंकवाद के हथियारों का नक्शा बनाते हैं, तो सभी सड़कें पाकिस्तान में मिलती हैं।” उन्होंने ये बात सामूहिक विनाश प्रसार और आतंकवाद के हथियारों की रोकथाम पर अमेरिकी आयोग में बैठक के दौरान कहीं थी।
अफगानिस्तान भी है मुख्य कारण
ग्लोबल स्ट्रैट व्यू की रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल भी पड़ोसी देश पाकिस्तान के लिए खतरा पैदा कर सकता हैं। पाकिस्तान द्वारा हथियारों का उत्पादन और परमाणु हथियारों की संभावित तैनाती, दुरुपयोग की संभावना को काफी बढ़ा सकता है। बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को भी परमाणु परीक्षण की दिशा में पाकिस्तान की प्रगति के संबंध में इसी तरह की आशंका थी।
क्लिंटन ने परमाणु परीक्षणों को खतरनाक रूप से अस्थिर करने वाला बताया। ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष, जनरल मार्क मिले और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष ने अपने उच्च पदस्थ जनरलों के साथ, अफगानिस्तान के कदम से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों और उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पैदा होने वाले जोखिमों के बारे में अपनी जागरूकता का दावा किया था।