पीएम मोदी ने असम बाढ़ राहत के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया
असम – असम में बाढ़ की स्थिति पर चिंता व्यक्त करने के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को राहत और पुनर्वास प्रयासों के लिए केंद्र की ओर से पूरी मदद का आश्वासन दिया है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने असम में बाढ़ पर चिंता जताई।
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें राज्य में बाढ़ की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए बुलाया था। उन्होंने कहा, ”मैंने उन्हें बताया कि किस तरह असम एवं पड़ोसी राज्यों में लगातार बारिश से बाढ़ आई है और मानव जीवन पर असर पड़ा है। मैंने उन्हें राज्य सरकार द्वारा किए गए राहत कार्यों से भी अवगत कराया। असम के लोगों की ओर से, हम उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए आभारी रहेंगे”।
इस बीच, राज्य में बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। कई नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य के 21 जिलों के 1,250 गाँवों के पांच लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। पिछले 24 घंटे में छह लोगों की मौत के साथ ही बाढ़ की इस लहर में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। प्राकृतिक आपदा को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने कल लखीमपुर जिले का दौरा किया और आज कछार जिले का दौरा कर रहे हैं।
असम में बारिश में कमी आई है, लेकिन अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में लगातार बारिश के कारण राज्य में स्थिति अभी भी गंभीर है। रंगानदी और कार्बी लांगपी बिजली संयंत्रों द्वारा अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से उनके आस-पास के इलाकों में स्थिति खराब हो गई है।
राज्य सरकार ने नीपको को निर्देश दिया है कि उसे एक बार में सभी पानी छोड़ने के बजाय धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से अतिरिक्त पानी छोड़ना चाहिए। सरकार ने नीपको के अधिकारियों को समय पर सार्वजनिक अलर्ट के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया। सरकार ने नीपको को बारिश के पूर्वानुमान के आधार पर तत्काल एहतियाती कदम उठाने का भी निर्देश दिया है।
बाढ़ ने पहले ही राज्य में सड़कों, पुलों, रिंग बंधों और तटबंधों जैसे बुनियादी ढाँचे को नुकसान पहुँचाया है, इसके अलावा 32,000 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में रहना पड़ा है।





