नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 12 तुगलक लेन स्थित अपने सरकारी बंगले से बोरिया-बिस्तर समेट लिया है। मानहानि केस में गुजरात की एक अदालत ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी सांसदी चली गई थी। सांसदी जाने के बाद कांग्रेस नेता को सरकारी बंगला छोड़ने का नोटिस मिला था। राहुल का सामान उनकी मां सोनिया गांधी के घर 10 जनपथ में शिफ्ट हुआ है। इसका मतलब है कि वह आगे अपनी मां के साथ ही रहेंगे। 23 मार्च को सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम को लेकर मानहानि केस में सजा सुनाई थी। राहुल केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे।
राहुल गांधी के पास बंगला खाली करने के लिए 22 अप्रैल तक का समय था। संसद सदस्यता खत्म होने के तुरंत बाद 27 मार्च को उन्हें बंगला खाली करने का नोटिस मिला था। नोटिस मिलने के अगले ही दिन राहुल ने लोकसभा सचिवालय के डिप्टी सेक्रेटरी डॉ मोहित रंजन को इस बाबत जवाब भेजा था। इसमें राहुल ने कहा था कि वह बंगला खाली कर देंगे। 2004 में अमेठी से पहली बार सासंद चुने जाने पर यह बंगला राहुल को 2005 में अलॉट हुआ था। राहुल ने इस बंगले से कई अच्छी यादें जुड़ी होने की बात भी कही थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें अपने या सोनिया के बंगले में शिफ्ट होने का सुझाव दिया था।
शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 12 तुगलक लेन बंगले से ट्रक को सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ के लिए रवाना होते देखा गया। 23 मार्च को सूरत कोर्ट ने मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल को 2 साल कैद की सजा सुनाई थी। कुछ देर में उन्हें जमानत भी दे दी गई थी। मानहानि केस में सजा के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपील की है। इस पर गुरुवार को सूरत सेशन कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई थी। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। 20 अप्रैल को कोर्ट फैसला सुनाएगी।