नई दिल्ली: रविवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के इतिहास का शायद सबसे नाटकीय मुकाबला खेला गया। मैच की अंतिम गेंद फेंके जाने के बाद सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने मुकाबला गंवा दिया था। विपक्षी राजस्थान रॉयल्स की टीम ने जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया था। लेकिन जिस अनहोनी की क्सर कल्पना ही की जाती थी वह हकीकत में तब्दील हो गई। इसके बाद जो कुछ हुआ उसके बाद कप्तान संजू सैमसन अपनी किस्मत पर रो रहे होंगे।
अब्दुल समद का लपका कैच, तभी बज उठा हूटर
हैदराबाद को अंतिम गेंद पर जीत के लिए पांच रन की दरकार थी और संदीप शर्मा की गेंद पर अब्दुल समद का लगाया गया शॉट मिड ऑफ पर खड़े फील्डर के हाथों में चली गई। हैदराबाद ने यहां यह मुकबाला पांच रन से गंवा दिया, लेकिन राजस्थान का जश्न अभी अच्छी तरह से शुरू भी नहीं हुआ था कि मैदान पर वह सायरन बज उठा जो गेंदबाज के दिल को धड़का देता है। थर्ड अंपायर ने संदीप की अंतिम गेंद को नो बॉल करार दिया।
अब समद ने गेंद को भेजा बाउंड्री के बाहर
इसके बाद एक बार फिर संदीप को गेंद फेंकनी पड़ी और इस बार समद (17 रन, 7 बॉल, 2 सिक्स) ने कोई गलती नहीं करते हुए गेंद को सीधे बाउंड्री पार भेजकर टीम को एक यादगार जीत दिला दी। इस जीत के साथ हैदराबाद एक स्थान ऊपर नौवें पर पहुंच गया जबकि लगातार तीसरा मैच गंवाने वाली राजस्थान की टीम चौथे स्थान पर ही रही। पिछले छह मैचों में राजस्थान की यह पांचवीं हार रही।संजू सैमसन और जोस बटलर की धांसू पारी
इससे पहले राजस्थान के बल्लेबाज जोस बटलर 59 गेंद पर 95 रन की जोरदार पारी खेली। बटलर के अलावा कप्तान संजू सैमसन की 38 गेंद पर 66* रन की पारी की बदौलत दो विकेट पर 214 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया, जो जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम पर बना इस सीजन का हाईएस्ट स्कोर रहा। बटलर ने अपनी पारी में जहां चार छक्के लगाए तो वहीं संजू ने पांच छक्के जड़े। दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 81 गेंद पर 138 रन की साझेदारी निभाई। विशाल लक्ष्य का हैदराबाद की टीम ने अच्छी तरह से पीछा किया। युजवेंद्र चहल (4/29) ने उन्हें रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन मेहमान टीम निर्धारित 20 ओवर्स में 6 विकेट पर 217 रन बना लिए।
हैदराबाद के इरादे दिखे मजबूत
जयपुर में हाईएस्ट टोटल का पीछा करने उतरी हैदराबादी टीम के बल्लेबाजों के इरादे मजबूत नजर आए। इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर आए अनमोलप्रीत सिंह ने 33 रन बनाकर आउट होने से पहले अभिषेक शर्मा के साथ पहले विकेट के लिए पावरप्ले में 51 रन की साझेदारी की। उनके जाने के बाद अभिषेक ने मोर्चा संभाला और 34 गेंद पर 54 रन बनाकर आउट होने से पहले टीम के टोटल 116 तक पहुंचा दिया। इसके बाद राहुल त्रिपाठी सीजन में पहली बार पूरी लय में दिखे। उन्हें हेनरिक क्लासेन का साथ मिला और दोनों ने 19 गेंद पर 41 रन की साझेदारी करके टीम की जीत की उम्मीद बढ़ा दी।
फिलिप ने पलटी बाजी
अंतिम पांच ओवर में हैदराबाद को जीत के लिए 69 की दरकार थी, जो पहुंच से बाहर नहीं दिख रही थी। लेकिन युजवेंद्र चहल (4/29) ने 16वें ओवर में क्लासेन (26) को आउट कर थोड़ी राहत दिलाई और फिर जब वे 18वें ओवर में लौटे तो राहुल त्रिपाठी (47 रन, 29 बॉल) और एडेन मार्करम (6) को आउट कर एक बार फिर राजस्थान की पकड़ मुकाबले में मजबूत कर दी। अंतिम 12 गेंद पर 41 रन की जरूरत थी जो पहुंच से दूर नजर आ रही थी लेकिन ग्लेन फिलिप ने कुलदीप यादव के ओवर की शुरुआत 6,6,6 और 4 के साथ करके मुकाबले को रोमांचक बना दिया। उनकी सात गेंद पर खेली गई 25 रन की पारी ने बाजी एकदम से पलट कर रख दी। अंतिम ओवर में जीत के लिए 17 रन चाहिए थे जो समद ने पूरे कर दिए।
पेसर के नाम दूसरा विकेट
इस मैच से पहले जयपुर के मैदान पर कुल 30 ओवर्स में पेसर्स को नाम सिर्फ एक विकेट ही रहा था। पेसर्स का यहां ऐवरेज 250 का और स्ट्राइक रेट 180 का रहा था। इस आंकड़े से साफ था कि इस मुकाबले में भी पेसर्स को विकेट निकालना आसान नहीं होगा। ऐसे में यशस्वी जायसवाल और जोस बटलर की जोड़ी ने पहली ही गेंद से अटैक शुरू कर दिया। युवा यशस्वी ज्यादा अटैकिंग मूड में दिखे। उन्होंने कुछ आकर्षक शॉट्स खेले और 18 गेंद पर 35 रन ठोके। उनकी पारी पांचवें ओवर में ही समाप्त हो गई। उनका विकेट मार्को यानसेन ने लिया जो इस सीजन इस मैदान पर किसी पेसर द्वारा लिया गया सिर्फ दूसरा विकेट था।
रिकॉर्ड की बराबरी
यशस्वी ने आउट होने से पहले बटलर के साथ मिलकर बोर्ड पर 54 रन टांगे। इस सीजन इस जोड़ी की कुल छठी फिफ्टी प्लस पार्टनरिशप रही। इसके साथ यशस्वी-बटलर ने राहुल द्रविड़ और अजिंक्य रहाणे की बराबरी की जिनके नाम राजस्थान रॉयल्स की ओर से सर्वाधिक छह फिफ्टी प्लस पार्टनरशिप का रिकॉर्ड दर्ज है।
मयंक की खूब पिटाई
पेसर्स को ज्यादा सफल नहीं होते देख कप्तान एडेन मार्करम ने स्पिनर्स की ओर रुख किया। पावरप्ले खत्म होते ही अपने सबसे सफल स्पिनर मयंक मार्कंडे को अटैक पर लगाया। उनका पहला ओवर तो शांति से गुजर गया, लेकिन जब वह दोबारा अटैक पर आए तो सैमसन ने दो और बटलर ने एक सिक्स जड़कर उनके साथ वैसा व्यवहार किया जैसा पहले नहीं हुआ था। इस सीजन एक आईपीएल पारी में यह पहली बार था जब मंयक की गेंद पर दो से ज्यादा छक्के पड़े थे। मामला यहीं नहीं थमा और मयंक पर आगे और चार छक्के पड़े। कुल 11 विकेट के साथ इस युवा स्पिनर के चार ओवर में 51 रन बने।
पकड़ ली रफ्तार
नौवें ओवर के बाद बटलर ने 22 गेंद पर 27 रन बनाए थे और संजू ने 14 गेंद पर 27 रन बनाए थे। इसके बाद बटलर ने सीधे पांचवें गियर में बैटिंग करनी शुरू कर दी और 17वें ओवर के अंत पर 54 गेंद पर उनके खाते में 92 रन हो गए जबकि संजू 30 गेंद पर 48 रन बनाकर क्रीज पर थे। बटलर ने 12वें ओवर में 32 गेंद पर अपनी फिफ्टी पूरी की थी। वह शतक से चूक गए और उनके जाने के बाद संजू ने रनों की रफ्तार बनाए रखी।