मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में 7 साल का बच्चा बोरवेल में गिर गया। वह 43 फीट पर फंसा है। पुलिस और एनडीआरएफ की टीम मंगलवार सुबह 11.30 बजे से रेस्क्यू में जुटी है। बोरवेल 60 फीट गहरा है। बोर के पास समानांतर 45 फीट गड्ढा खोदा जाना है। यहां 50 फीट गड्ढा खोदा जाएगा। इसके बाद एक टनल बनाई जाएगी। 4 जेसीबी और 3 पोकलेन मशीन से रात भर खुदाई करती रही। इसके बाद वहां मुरम लेटेराइट आने से मौके पर दो और पोकलेन मशीन मंगवाई गई। बच्चे तक पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। सीसीटीवी से भी निगरानी की जा रही है। सुबह 5 बजे तक उसका मूवमेंट मिलता रहा है।
मौके पर कलेक्टर उमाशंकर भार्गव और लटेरी एसडीएम हर्षल चौधरी, एडिशनल एसपी समीर यादव मौजूद हैं। गहराई बढ़ने के साथ खुदाई की गति धीमी हो गई है। नीचे लेटेराइट (कड़क मुरम) निकलने लगी है। अभी 12 से 13 फीट तक और खुदाई होनी है। इसके बाद 5 फीट की टनल बनाकर बच्चे को निकाला जाएगा। एसडीओपी सौरभ तिवारी के मुताबिक रात 11 बजे बच्चे में मूवमेंट देखी गई थी। दिनेश अहिरवार का बेटा लोकेश सोमवार सुबह 11 बजे खेत में बने बोरवेल में गिर गया था।
बोरवेल में गिरने की घटना दुखद: CM
मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि विदिशा जिले की लटेरी तहसील के खेरखेड़ी गांव में 7 वर्षीय मासूम के बोरवेल में गिरने की घटना दु:खद है। मैंने स्थानीय प्रशासन को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, और उनके सतत संपर्क में हूं। रेस्क्यू टीम बच्चे को सुरक्षित बचाने हेतु प्रयासरत है। मासूम की कुशलता की प्रार्थना करता हूं।
कलेक्टर बोले- बंदरों के पीछे भाग रहा था लोकेश
कलेक्टर भार्गव के मुताबिक घटना मंगलवार सुबह 11 बजे की है। लोकेश बंदरों के पीछे भाग रहा था। इसी दौरान वह खेत में खुले पड़े बोरवेल में गिर गया। सूचना के बाद करीब साढ़े 11 बजे बचाव कार्य शुरू कर दिया है। सबसे पहले बच्चे को ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की गई। सीसीटीवी की मदद से बच्चे के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। बोर बिना केसिंग का है और करीब 60 फीट गहरा है।
दादी ने कहा- उसे पता नहीं था यहां गड्ढा है
लोकेश की दादी उषा बाई ने कहा कि हम मजदूरी करने आए हैं। नाती भी साथ आया था। खेत में हम फसल काट रहे थे। तभी मेढ़ पर बंदर आ गए। उन्हें भगाने के लिए वह दौड़ के आया। उसे नहीं पता था कि फसलों के बीच खेत में बोरवेल भी है। वह उसमें गिर गया।