वाराणसी। काशी के देवालयों में साईं की मूर्ति नहीं रहेगी। सनातन रक्षक सेना द्वारा चलाए गए इस अभियान के बाद बीते तीन दिनों में 14 मंदिरों से साईं की मूर्तियों को हटा दिया गया। सेना ने काशी के ऐसे 28 सनातन मंदिरों की सूची तैयार की है, जहां साईं की प्रतिमाएं हैं।
सेना के संरक्षक अजय शर्मा ने बताया कि साईं पूजा से कोई विरोध नहीं है। जिसकी जहां आस्था है, जिसमें आस्था है, पूजा करे लेकिन सनातन धर्म के मंदिरों में साईं की प्रतिमा नहीं रहने दी जाएगी। साईं मुसलमान थे, उनका हिंदू मंदिरों में क्या काम।
अजय शर्मा ने बताया कि ज्योतिष्पीठ व शारदापीठ के शंकराचार्य (अब ब्रह्मलीन) स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी हिंदू मंदिरों में साईं की मूर्तियां स्थापित करने का विरोध करते हुए उनकी पूजा को गलत बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी साईं को मुसलमान बताया था। उनका सनातन धर्म से कोई संबंध नहीं है। इसलिए सेना अब हिंदू मंदिरों में उनकी प्रतिमा नहीं रहने देगी।
उन्होंने बताया कि काशी के ख्यात प्राचीन बड़ा गणेश मंदिर में भी साईं की प्रतिमा थी, जिसे परिसर में पीछे आनंदेश्वर महादेव के बगल में 2013 में स्थापित किया गया था। अब उसे पुजारी से कह कर हटवा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि किसी की आस्था का अनादर नहीं है और न ही साईं बाबा के प्रति कोई दुर्भाव है। हिंदू धर्मावलंबी तो सभी पंथों, संप्रदायों की धार्मिक आस्थाओं का आदर करते हैं। जिसे उनकी पूजा करनी हो करे, उनके लिए अलग से मंदिर बनवा लें, लेकिन सनातन आस्था के केंद्रों में उनका स्थान नहीं है।