भोपाल पुलिस मुख्यालय की स्पेशल ब्रांच के एसआई सुरेश खांगुड़ा, उनकी पत्नी कृष्णा, बेटा इवान की मौत की गुत्थी अब कृष्णा के हथेली में मिले बाल (हेयर) में टिक गई है। पुलिस ने बाल को फारेंसिंक जांच के लिए भेजा है। पुलिस ने इसके साथ ही सुरेश के बाल का भी सेंपल भेजा है। इससे पुलिस यह साबित कर सकेगी कि सुरेश ने पत्नी, बेटे की हत्या की है, या कोई और कातिल है। इसके बाद पुलिस आगे मौतों की वजह पर पड़ताल शुरू करेगी। इधर, सोमवार को कोलार थाना पुलिस ने एसआई सुरेश खांगुड़ा के मकान मालिक मनोज अहिरवार के बयान लिए। उन्होंने बताया कि कभी दंपति को लड़ते झगड़ते नहीं देखा। पांच साल से एसआई उनके घर में रहे थे। उनका एंट्रेंस पीछे से था। ऐसे में कम ही मुलाकात हो पाती थी। मनोज ने बताया कि वह पांच साल से उनके मकान में रह रहे थे। कभी कोई परेशानी नहीं बताई।
पुलिस ने एसआई के घर के पास किरान दुकान चलाने वाले के भी बयान लिए हैं। उसने भी यही कहा कि वह अपने बच्चे के लिए चाकलेट, टॉफी लेने आते थे। लेकिन, कभी कोई परेशानी नहीं बताई। एसआई की पत्नी कृष्णा का मायका पास होने की वजह से वह कालोनी में घूमती-फिरती रहती थीं। लेकिन, वह भी कभी तनाव में नहीं दिखीं। पुलिस मंगलवार को उस डाक्टर के बयान लेगी जो एसआई सुरेश का इलाज कर रहा था। हालांकि अभी तक की जांच में पुलिस यही मान रही है कि सब इंस्पेक्टर सुरेश खांगुड़ा (32) ने पहले पत्नी कृष्णा (28) और बेटे इवान (2) की हत्या की है। बाद में खुद ट्रेन के सामने कूद गए।
सीसीटीवी में 6:18 बजे जाते दिखे
पुलिस ने पीएचक्यू से भी एसआई सुरेश के बारे में जानकारी जुटाई है। शुक्रवार को मतलब घटना के दिन वह 6:18 बजे मुख्यालय से निकलते हुए सीसीटीवी में कैद हुए हैं। 6:17 बजे उन्होंने पंच आउट किया है। इसके बाद से पुलिस को वह सीसीटीवी में कहीं नजर नहीं आए। पुलिस ने उनके घर से मिसरोद तक के उस रूट के कैमरे भी खंगाले हैं जहां उन्होंने सुसाइड किया था। लेकिन कहीं वह नहीं दिखे।
इन रिपोर्ट का पुलिस को इंतजार
पुलिस को अब तक शार्ट पीएम रिपोर्ट नहीं मिली है। एसआई के सरकारी लैपटाप की रिपोर्ट नहीं आई। फिंगर प्रिंट, फोरेंसिक, शार्ट पीएम रिपोर्ट भी अभी तक नहीं मिल सकी है। इसके साथ ही दोनों के मोबाइल की कॉल डिटेल भी नहीं आई है। पुलिस अब इन्हीं रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। अभी दोनों पक्ष के परिजनों के बयान भी नहीं हो सके हैं।
तीन साल में कॉन्स्टेबल से बने एसआई
सुरेश का बड़ा भाई गोकुल खांगुड़ा पेशे से पटवारी है। गोकुल ने बताया कि सुरेश पढ़ने में होशियार था। उसने गणित विषय से बीएससी की थी। वर्ष 2013 में उसका चयन कॉन्स्टेबल के लिए हुआ था। उसकी पोस्टिंग इंदौर में थी। बाद में 2016 में उसका एसआई में सिलेक्शन हुआ। इसके बाद से वह भोपाल में रहने लगा। वह UPSC की भी तैयारी कर रहा था। वह बहुत खुश रहता था। कोई परेशानी होती, तो हमें जरूर बताता।
पहली नजर में कृष्णा से हो गया था प्यार
गोकुल ने बताया कि सुरेश के ससुर शिवलाल वर्मा मारफेड में पदस्थ थे। वह मूलत: जीरापुर के ब्राम्हण गांव के रहने वाले हैं। हमारी उनसे पहले से रिश्तेदारी है। भाई सुरेश के लिए हम लोग गांव गुंदीकलां से उसकी शादी के लिए लड़की देखने शिवलाल वर्मा के घर भोपाल आए थे। तब सुरेश की पहली मुलाकात कृष्णा से हुई थी। दोनों के बीच प्रेम-प्रसंग चलने लगा। 2017 में दोनों की शादी करा दी। कृष्णा ने बीकॉम की पढ़ाई की थी। वह हाउस वाइफ थी।
पत्नी को रोजाना मायके छोड़ता था सुरेश
सुरेश की ससुराल उसके घर से करीब 350 मीटर दूर है। वह रोजाना ऑफिस जाते समय पत्नी कृष्णा को उसके मायके में छोड़ देता था, जहां बेटा अन्य बहनों के बच्चों और नाना-नानी के साथ खेलता रहता था। शाम को ड्यूटी से लौटते समय वह पत्नी और बच्चे को लेकर घर आता था। माता-पिता के बाहर जाने के कारण शुक्रवार को कृष्णा मायके नहीं गई थी। पड़ोस में रहने वाली सुधा वर्मा ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब 7 बजे कृष्णा बच्चे को साइकिल पर घुमा रही थी। उनके बीच कभी किसी ने विवाद होने की जानकारी नहीं दी। साले हरीश ने भी दोनों के बीच विवाद की बात नहीं बताई है।
एक साथ जली थीं परिवार की चिता
आगर जिले के गुंदीकलां के रहने वाले एसआई, उनकी पत्नी और बेटे की शुक्रवार को भोपाल में मौत हो गई थी। शवों के पीएम के बाद परिजन रविवार देर शाम तीनों के शव आगर लेकर आए थे। इसके बाद तीनों का अंतिम संस्कार किया गया था। गुंदीकलां के रहने वाले एसआई सुरेश खांगुड़ा (32) उनकी पत्नी कृष्णा (28) और बेटे इवान (2) का शव भोपाल में मिला था। उनके पैत्रक गांव गुंदीकलां के श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। एक साथ तीन चिताएं जलती देख पूरे गांव का माहौल गमगीन नजर आया था। हर कोई तीनों की मौत पर जहां गमगीन दिखा था।