नई दिल्ली: दिल्ली समेत उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों को गर्मी से जल्द राहत नहीं मिलने वाली। फरवरी के महीने में तापमान का चढ़ाव बताता है कि गर्मी जल्दी आ गई है। दिल्ली में फरवरी की गर्मी ने 17 सालों का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और पश्चिमी भारत के कई राज्यों में सामान्य से ज़्यादा तापमान दर्ज हो रहा है। इस साल फरवरी में ही लू के अलर्ट जारी हो रहे हैं जबकि पिछले साल मार्च में लू का अलर्ट आया था। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पूर्वोत्तर के राज्यों में बारिश का अनुमान जरूर जताया है। वहीं, कच्छ और कोंकण एरिया से लू की चेतावनी वापस ले ली गई है। मौसम विभाग के अनुसार, देश के बाकी हिस्सों की स्थितियों में ज्यादा बदलाव के आसार नहीं है। बदलते मौसम की वजह से सर्दी-जुकाम के मरीज बढ़ रहे हैं। कोविड झेल चुकी इम्यूनिटी अब इन्फ्लूएंजा से नहीं लड़ पा रही। डॉक्टर्स ने ऐंटीबायोटिक्स के बेजा इस्तेमाल को लेकर अलर्ट किया है।
आज के मौसम का अपडेट जानिए
IMD के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ का मौसम पर असर दिख रहा है। कमजोर पश्चिमी विक्षोभ से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र पर खासा असर पड़ा है। गुजरात, राजस्थान, कोंकण और गोवा और तटीय कर्नाटक के कई हिस्सों में तापमान 35 से 39 डिग्री के बीच दर्ज हो रहा है। मौसम विभाग ने पूर्वोत्तर के राज्यों में अगले तीन दिन बारिश के आसार जताए हैं। अरुणाचल प्रदेश में आज और कल भारी बारिश का अलर्ट है। बाकी जगह ज्यादातर सूखा ही रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ की गैरमौजूदगी, मैदान इलाकों में शुष्क मौसम के चलते उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से ज्यादा तापमान दर्ज हो रहा है। IMD ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत, गुजरात, कोंकण और गोवा में आगे भी तापमान सामान्य से 5-7 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया जा सकता है।
पिछले साल IMD ने मार्च के महीने में लू आ अलर्ट जारी किया था। उसके बाद भयानक गर्मी पड़ी। कई राज्यों में अधिकतम तापमान ने पिछले सारे रेकॉर्ड्स ध्वस्त कर दिए। इस साल मौसम विभाग ने फरवरी में ही कई जगह लू के अलर्ट जारी किए हैं। रविवार को पश्चिमी भारत के हिस्सों में पहली बार लू चली। अभी देश के अधिकतर हिस्सों में जो तापमान दर्ज हो रहा है, वह अमूमन मिड-मार्च में देखने को मिलता है। वसंत का मौसम तो गायब ही हो चला है। इस साल अल नीनो के आने का भी अंदेशा है। उससे गर्मी और बढ़ेगी ही।
IMD ने सोमवार को अलर्ट किया कि हाई टेम्प्रेचर के चलते पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में फसलों पर असर पड़ सकता है। कृषि विज्ञानियों ने पहले ही गेहूं की फसल प्रभावित होने की आशंका जताई है। केंद्र सरकार ने गेहूं की फसल पर तापमान बढ़ने के कारण उत्पन्न स्थिति की निगरानी के लिए समिति बनाई है। गेहूं के अलावा अन्य खड़ी फसलों और बागवानी पर भी गर्मी की मार पड़ सकती है। पिछले साल गर्मी के मौसम में बिजली की बढ़ी डिमांड के बाद कोयले की कमी भी झेलनी पड़ी थी।
दिन और रात के तापमान में अंतर से खतरा
दिल्ली-एनसीआर में दिन के वक्त तापमान 30 डिग्री से पार चला जाता है। रात के वक्त यह गिरकर 15-16 डिग्री पर आ जाता है। न्यूनतम और अधिकतम तापमान में अंतर से तबीयत खराब होने का रिस्क बढ़ा है। प्राइवेट हो या पब्लिक, डॉक्टर्स के पास ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं जिनके गले में खराश है, सर्दी-जुकाम है या फिर बुखार आ रहा है। रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, डायरिया और गैस्ट्रोएंटराइटिस के मामले बढ़े हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, दिन के वक्त गर्मी से बैक्टीरिया को तेजी से बढ़ने में मदद मिलती है।
स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है?
डॉक्टर दीपक बैद के मुताबिक, हीट वेव में आम तौर पर शरीर में पानी की कमी, थकावट होना, कमजोरी आना, चक्कर आना, सिरदर्द, मतली, उल्टी, मांसपेशियों में ऐंठन और पसीना आना आदि शामिल हैं। हीट वेव की वजह से मानसिक तनाव भी हो सकता है। लू लगने के लक्षणों में गर्मी से शरीर में अकड़न, सूजन, बेहोशी और बुखार भी आ सकता है। यदि शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक होता है, तो दौरे पड़ सकते हैं या इंसान कोमा में भी जा सकता है।