दिल्ली एयरपोर्ट पर पायलट की सतर्कता की वजह से एक बड़ा विमान हादसा टल गया जिससे 300 से अधिक लोगों की जिंदगी बच गई. विमानन कंपनी विस्तारा की अलर्ट पायलट-इन-कमांड ने बुधवार सुबह इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उन दो जहाजों को आपस में टकराने से बचा लिया. इनमें से एक जहाज जिसने तुरंत ही लैंड किया और दूसरा उड़ान भरने वाला था- जिसमें 322 लोग सवार थे. काम में लापरवाही की वजह से एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को ड्यूटी से हटा दिया गया है.
कैप्टन सोनू गिल ने अहमदाबाद से आए प्लेन विस्तारा यूके926 को रनवे 29एल पर, शिवजी की मूर्ति के बेहद करीब लैंड कराया था, और एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने उसे पैरेलल एक्टिव रनवे 29आर को पार करके टर्मिनल 3 तक जाने को कहा. हालांकि, इस दौरान एक एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATCO) “यह भूल गया” कि जिस पर यह प्लेन चल रहा है और उसने उसी रनवे 29R से विस्तारा UK726 को टेकऑफ की भी मंजूरी दे दी है.
एक ही रूट में दो प्लेन को क्लीयरेंस
इस बीच जब सोनू गिल ने रनवे 29आर से बागडोगरा के लिए उड़ान भरने के लिए यूके726 को एटीसी ट्रांसमिशन क्लियरिंग के बारे में सुना, तब तक वह 29आर के होल्डिंग प्वाइंट पर आ गई थी. हालांकि लगातार टैक्सी क्लीयरेंस मिलने के बावजूद वह वहीं पर रुक गई और एटीसी को दो प्लेन को दी गई क्लीयरेंस को लेकर हुई गलती की जानकारी दी. इस दौरान विमान एक-दूसरे से 2 किमी से भी कम दूरी पर रह गए थे. इसके बाद एटीसी ने तत्काल बागडोगरा जाने वाली प्लेन के पायलटों को उड़ान रद्द करने को कहा.
चूक से ड्यूटी रोस्टर से बाहर हुआ ATCO
पायलट गिल की सतर्कता की वजह से विस्तारा के 2 एयरबस A320 एक-दूसरे से सुरक्षित दूरी (एक रनवे पर और दूसरा उसी के होल्डिंग पॉइंट पर) पर ही रुक गए. इस वजह से बागडोगरा फ्लाइट के पायलट की ओर से तेज स्पीड से ब्रेक लगाने के बाद प्लेन में फ्यूल भरने और उसकी मेंटनेंस जांच के लिए टर्मिनल ले जाया गया.
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की ओर से इस घटना पर तेजी से संज्ञान लिया गया और गलती के लिए एटीसीओ को ड्यूटी रोस्टर से बाहर कर दिया गया. साथ ही डीजीसीए ने घटना की जांच भी शुरू कर दी है.