मप्र में शराबबंदी की मांग को लेकर पूर्व सीएम उमा भारती सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। 17 जनवरी के बाद उमा ने सरकार को आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दी है। उमा और शिवराज सरकार के बीच शराबबंदी को लेकर बढ़ती खींचतान के बीच केन्द्रीय मंत्री और मंड़ला से भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने बड़ा बयान दिया है। कुलस्ते ने भोपाल के वाल्मी परिसर में नेहरू युवा केन्द्र द्वारा आयोजित 14 वें जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम कार्यक्रम में कहा-
अमरकंटक
में नर्मदा के किनारे मप्र सरकार ने शराब पर प्रतिबंध लगा दिया। एक आदमी
ने मुझसे कहा कि गुजरात में शराब पर प्रतिबंध है। लेकिन सबसे ज्यादा दारु
पीने वाले लोग गुजरात में हैं। कौन रहता है वहां? उद्योग, धंधे मेहनत करने
वाले लोग, मजदूर क्या करें। अब कहां से आता-जाता है ये बाद का विषय है
लेकिन एक आदमी ने कहा कि ये लोग चोरी से बहुत करते हैं।
सरकार ने
प्रतिबंध लगा दिया। ऐसा ही हमारे शिवराज जी ने बहुत अच्छा काम किया है।
इसके लिए हमको वातावरण बनाने के लिए हमारे समाज में इसके लिए बहुत कमी है।
मैं ये दुराग्रह से नहीं बल्कि मन से बोलता हूं । काम उनके पास है नहीं।
खेती बाडी करने के बाद शाम को घर में थोड़ा बहुत मौज-मस्ती की। या उत्साह से
कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम करते हैं। कुछ अपनी संस्कृति मिलना-जुलना जैसे
कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करते हैं। मैं नौजवान बच्चों से कहूंगा कि गांव
में जो थोड़ी बहुत बुराईयां हैं उनको छोड़कर हम एक अच्छे माहौल में अपनी
परंपरा को आगे बढ़ाएंगे तो 21वीं सदी में भारत के विश्व गुरु बनने वाली
स्थिति में हम पहुंच जाएंगे।
पीएम मोदी आज के विवेकानंद
कुलस्ते ने कहा कि
जैसे स्वामी विवेकानंद का नाम नरेन्द्र था वैसे ही आज लोग नरेन्द्र मोदी
को विवेक कहते हैं। वास्तव में मोदी आज का विवेकानंद है। कई बार लोग भाषा,
बोली माहौल का उपयोग जरूर करते हैं लेकिन गरीब आदमी से एक बडे़ आदमी की
शिक्षा, आवास, रहन सहन, आवागमन की चिंता नरेन्द्र मोदी ने की है। आज
दुनियां के लोग भारत की तरफ देख रहे हैं।
जिससे नागालैंड की जनता और सरकार परेशान उनके चीफ ने मेरे पैर छुए
केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कार्यक्रम में कहा- मेरे पास कल नागालैंड के रोमू आए थे नागा पीपुल्स फ्रंट एक पार्टी है। उनसे सरकार और उस राज्य के लोग परेशान हैं। नागा पीपुल्स फ्रंट के चीफ मेरे पास आए थे। मुझे बड़ा अजीब लगा कि मेरे एक आदमी ने मेरे पैर छुए तो उसने भी मेरे पैर छू लिए। कभी ये सोच नहीं सकते। वो भी ट्रायबल था। जो लोग मुख्यधारा से बाहर हैं उनसे सरकार भी परेशान है। उनके साथ कई प्रकार के समझौते हुए लेकिन वो मूलधारा से जुडे़ नहीं। लेकिन जब कल वो मुझसे मिलने के लिए आए तो उन्होंने कई सुझाव दिए मैंने उन्हें भी समझाया। मेरे कहने का मतलब ये है कि इस प्रकार के लोग पूरे देश में जुड रहे हैं।