उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एफसीआई के एक गोदाम में गेहूं में मिलाया जाने वाला पदार्थ खाकर बड़ी संख्या में बंदरों की मौत हो गई. एफसीआई गोदाम के कर्मियों ने बिना प्रशासन को सूचित किए, इन बंदरों के शवों को गोदाम परिसर में ही गड्ढा खुदवाकर दफन करा दिया. इस घटना को लेकर कुछ हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता को जानकारी हुई तो उन्होंने एफसीआई गोदाम पर जाकर हंगामा किया और कार्रवाई की मांग की है.
वहीं इस मामले की जैसे ही प्रशासन को जानकारी मिली तो एडीएम सदर, एसडीएम सदर, सीओ सिटी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए. अधिकारियों ने जब गोदाम के कर्मचारियों से पूछताछ की गई. वहीं, एफसीआई के गोदाम में टेक्नीशियन के पद पर तैनात एक कर्मचारी ने 145 बंदरों की मौत की बात प्रशासनिक अधिकारियों के सामने कही है. और बिना प्रशासन को सूचित किए इन बंदरों को गोदाम परिसर में ही दफना दिया गया था. वहीं गोदाम के इंचार्ज ने कहा कि मृतक बंदरों की आत्मा की शांति के लिए शनिवार को वह अपनी ओर से परिसर में सुंदरकांड का पाठ कराएंगे.
मामले की जांच के आदेश
प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुट गए. अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है और यदि जरूरत होगी तो जहां बंदरों के शव को दफनाया गया है उस जगह की खुदाई भी कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हुई तो बंदरों का पोस्टमार्टम भी कराया जाएगा. प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि कहीं न कहीं लापरवाही तो हुई है.
आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
इस मामले में हाथरस नगर पालिका परिषद की चेयरमैन के पति तथा पूर्व सांसद राजेश दिवाकर भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि मामले में लापरवाही तो हुई है जिसके संबंध में दोषी कर्मचारियों के खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा. उन्होंने यह भी बताया है कि नगर पालिका की ओर से शीघ्र बंदरों को पकड़ने की कार्रवाईकराईजाएगी.