अनुगुल। पीएमएलए की एक विशेष अदालत ने जालसाजी के एक मामले में ज्योति रंजन बेउरा उर्फ ’गोल्डन बाबा’ के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है।




गोल्डन बाबा ने की है करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी
प्रवर्तन निदेशालय ने आर्थिक अपराध शाखा, क्राइम ब्रांच, सीआईडी, ओडिशा पुलिस, भुवनेश्वर द्वारा दर्ज एफआईआर और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध के लिए उनके द्वारा दायर आरोप पत्र के आधार पर जांच शुरू की थी।
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में पता चला कि गोल्डन बाबा ने ज्योति ट्रेडिंग एंड कंपनी के माध्यम से विभिन्न व्यवसायियों को आकर्षक ब्याज दर पर असुरक्षित ऋण/वित्तीय सहायता प्रदान करने का लालच देकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की।
अपराध की रकम से जी रहा था आलीशान जिंदगी
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि गोल्डन बाबा ने व्यापारिक संबंध विकास की आड़ में धोखाधड़ी से उनसे क्रेडिट लेटर प्राप्त किया और उन्हें वादा किए गए वित्तीय सहायता/असुरक्षित ऋण प्रदान किए बिना झूठे और मनगढ़ंत बिल बनाकर और प्रस्तुत करके ज्योति ट्रेडिंग एंड कंपनी के खाते में भुनाया और इस प्रकार अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए उक्त राशि को निकाल लिया और अपराध की ऐसी आय से एक शानदार जीवन जी रहा था।
ईडी ने जब्त की गोल्डन बाबा की संपत्ति
इससे पहले, ईडी ने 52 लाख रुपये की बैंक शेष राशि जब्त कर ली थी, 56 लाख रुपये की खरीद मूल्य वाले दो हाई-एंड वाहनों (ऑडी क्यू 5 और बीएमडब्ल्यू 520 डी) को जब्त कर लिया था, और अस्थायी रूप से ‘गोल्डन बाबा’ की 1.53 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी।
