गाजियाबाद। देश की पहली रैपिडएक्स ट्रेन के ट्रैक पर रफ्तार भरने के साथ ही आसपास के क्षेत्र के धरातल पर विकास की बयान भी बहेगी। जिले में रैपिडएक्स के आठ स्टेशन आते हैं, इन स्टेशनों के पास का डेढ़ किलोमीटर का क्षेत्र ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट जोन में शामिल होगा।
जहां पर माल, आफिस और बहुमंजिला इमारतें बनाई जाएंगी। इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। सभी स्टेशन के पास सुनियोजित विकास कराने के मद्देनजर टीओडी जोनल प्लान को मंजूरी मिलने के बाद साहिबाबाद स्टेशन के पास 815 हेक्टेयर, गाजियाबाद के पास 621 हेक्टेयर, गुलधर के पास 1005 हेक्टेयर, दुहाई के पास 440 हेक्टेयर, मुरादनगर के पास 373 हेक्टेयर मोदीनगर दक्षिण के पास 506 हेक्टेयर व मोदीनगर उत्तरी स्टेशन के पास 281 हेक्टेयर में आवासीय, व्यावसायिक व औद्योगिक गतिविधियां हो सकेंगी।
टीओडी जोन में प्राधिकरण अतिरिक्ति निर्माण की अनुमति देगा। उदाहरण के तौर पर अगर कोई बिल्डिंग तीन मंजिल की बनती है तो टीओडी जोन में नौ मंजिल की बन सकेगी।
साहिबाबाद: रैपिडएक्स का साहिबाबाद स्टेशन साहिबाबाद सब्जी मंडी के पास लिंक रोड पर बना है। यहां पर एक तरफ अभी जमीन खाली है तो दूसरी तरफ तीन से चार मंजिला भवन बने हैं।
गाजियाबाद स्टेशन: गाजियाबाद स्टेशन मेरठ तिराहे के पास बना है।
यहां पर दोनों तरफ तीन से चार मंजिला भवन बने हैं, न्यू लिंक रोड के पास जमीन भी खाली है। यहां पर आवासीय भवनों की योजना को पंख लग सकते हैं।
गुलधर स्टेशन: मेरठ रोड पर गुलधर के पास यह स्टेशन बना है।
कई निवेशकों की रहेगी नजर
यहां सड़क के एक तरफ मेरठ रोड औद्याेगिक क्षेत्र है। जहां पर अब निवेशकों की नजर रहेगी और यहां पर औद्योगिक इकाइयां बढ़ सकती हैं। दूसरी तरफ तीन से चार मंजिला भवन बने हैं, जहां पर अब माल और होटल भी खुल सकते हैं। दुहाई स्टेशन और दुहाई डिपो स्टेशन: मेरठ रोड पर दुहाई स्टेशन और उससे कुछ दूरी पर दुहाई डिपो स्टेशन है। दुहाई डिपो स्टेशन के पास अभी कृषि भूमि है। जहां पर लोग खेती करते हैं, आने वाले दिनों में यहां पर होटल, माल, रेस्तरां, औद्योगिक इकाइयां बन सकती हैं।
यहां से कुछ ही दूरी पर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे है, जिससे कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। इसके साथ ही मुरादनगर, मोदीनगर नार्थ और मोदीनगर साउथ स्टेशन भी मेरठ रोड पर बने हैं। जिनके दोनों तरफ कालोनियों और खाली जमीन है। यहां पर विकास को पंख लगेंगे, यहां बड़ी संख्या में आवासीय योजनाओं के प्रोजेक्ट आ सकते हैं।